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सूर्य का प्रकाश वायुमंडल में जब गैस के कणों से टकराता है तो यह इंद्रधनुष के सभी सातों रंगों बैगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी, लाल में बिखर जाता है.


Jul 02, 2022 | 8:05 PM

TV9 Hindi

| Edited By: निलेश कुमार

Jul 02, 2022 | 8:05 PM




आसमान को आकाश, अंबर और शून्य भी कहा जाता है. शून्य यानी जहां कुछ भी न हो. आसमान का कोई नियत रंग नहीं होता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है आसमान नीला क्यों दिखता है? हरा या काला क्यों नहीं? इसके पीछे भी एक विज्ञान है. WWD की रिपोर्ट के अनुसार, इसके पीछे सूर्य का प्रकाश की भूमिका होती है. अब आप कहेंगे कि प्रकाश में तो 7 रंग होते हैं, फिर आसमान नीला ही क्यों?

आसमान को आकाश, अंबर और शून्य भी कहा जाता है. शून्य यानी जहां कुछ भी न हो. आसमान का कोई नियत रंग नहीं होता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है आसमान नीला क्यों दिखता है? हरा या काला क्यों नहीं? इसके पीछे भी एक विज्ञान है. WWD की रिपोर्ट के अनुसार, इसके पीछे सूर्य का प्रकाश की भूमिका होती है. अब आप कहेंगे कि प्रकाश में तो 7 रंग होते हैं, फिर आसमान नीला ही क्यों?

रिपोर्ट के अनुसार, प्रकाश धरती के साथ जिस तरह से संपर्क करता है, उसी वजह से आकाश नीला दिखाई देता है. दरअसल सूर्य का प्रकाश वायुमंडल में जब गैस के कणों से टकराता है तो यह इंद्रधनुष के सभी सातों रंगों (बैगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी, लाल) में बिखर जाता है. यह खोज करनेवाले लॉर्ड रेले के नाम पर इसे रेले स्कैटरिंग कहा गया.

रिपोर्ट के अनुसार, प्रकाश धरती के साथ जिस तरह से संपर्क करता है, उसी वजह से आकाश नीला दिखाई देता है. दरअसल सूर्य का प्रकाश वायुमंडल में जब गैस के कणों से टकराता है तो यह इंद्रधनुष के सभी सातों रंगों (बैगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी, लाल) में बिखर जाता है. यह खोज करनेवाले लॉर्ड रेले के नाम पर इसे रेले स्कैटरिंग कहा गया.

सूर्य का प्रकाश, ऊर्जा की तरंगों के रूप में यात्रा करता है, जो अलग होने पर सभी जगह बिखर जाती है. चूंकि नीली प्रकाश तरंगें अन्य रंगों की तुलना में अधिक प्रकीर्णन करती हैं, इसलिए आसमान नीला दिखाई देता है. सूर्य वैसे तो झक सफेद होता है, लेकिन सूर्योदय और सूर्यास्त के समय लाल रंग का दिखता है. इसके पीछे की वजह भी प्रकाश ही है.

सूर्य का प्रकाश, ऊर्जा की तरंगों के रूप में यात्रा करता है, जो अलग होने पर सभी जगह बिखर जाती है. चूंकि नीली प्रकाश तरंगें अन्य रंगों की तुलना में अधिक प्रकीर्णन करती हैं, इसलिए आसमान नीला दिखाई देता है. सूर्य वैसे तो झक सफेद होता है, लेकिन सूर्योदय और सूर्यास्त के समय लाल रंग का दिखता है. इसके पीछे की वजह भी प्रकाश ही है.

सूर्य के प्रकाश को वायुमंडल की एक मोटी परत के माध्यम से बिखरने, विक्षेपित करने और मानव आंखों से देखने से पहले चलना पड़ता है और ऐसे में हम लाल और पीली रोशनी देखते हैं. इसलिए सूर्योदय और सूर्यास्त अक्सर लाल या नारंगी रंग के दिखाई देते हैं.

सूर्य के प्रकाश को वायुमंडल की एक मोटी परत के माध्यम से बिखरने, विक्षेपित करने और मानव आंखों से देखने से पहले चलना पड़ता है और ऐसे में हम लाल और पीली रोशनी देखते हैं. इसलिए सूर्योदय और सूर्यास्त अक्सर लाल या नारंगी रंग के दिखाई देते हैं.

ऐसा नहीं है कि आसमान हमेशा नीला ही दिखाई दे. आसमान लाल और गुलाबी रंग के भी दिखते हैं. इसके पीछे सूर्योदय  और सूर्यास्त जैसी वजह है. लंदन में मार्च 2022 में धूल के बादलों के कारण आसमान नारंगी हो गया था. कई बार आसमान का रंग ऐसे ही असामान्य हो सकता है.

ऐसा नहीं है कि आसमान हमेशा नीला ही दिखाई दे. आसमान लाल और गुलाबी रंग के भी दिखते हैं. इसके पीछे सूर्योदय और सूर्यास्त जैसी वजह है. लंदन में मार्च 2022 में धूल के बादलों के कारण आसमान नारंगी हो गया था. कई बार आसमान का रंग ऐसे ही असामान्य हो सकता है.






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