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किसानों को परेशान कर रही खाद की बढ़ती कीमतें, सरकार का दावा- नहीं होगी उर्वरक की कमी

खाद की बढ़ती कीमतों से किसान परेशान

Image Credit source: TV9 (फाइल फोटो)

Fertilizers Price: देश में खाद की बढ़ती कीमतों के कारण किसान परेशान हैं. खरीफ सीजन में सबसे अधिक खाद की खपत होती है. ऐसे में किसानों को लग रहा है कि देश में खाद की कमी होने के कारण कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है जबकि सरकार का कहना है कि देश में पर्याप्त स्टॉक है.

खरीफ का सीजन चल रहा है, इस समय देश में बड़े पैमाने पर खेती होती है, ऐसे समय में खाद कीमतों (Urea Fertilizers Price) में बढ़ोतरी या खाद की किल्लत किसानो के लिए किसी झ़टके से कम नहीं है. खाद की बढ़ती कीमतों को देखते हुए देश के कई राज्यों में किसान विरोध कर रहे हैं. वही दूसरी तरफ केंद्र ने देश में खाद की कमी की खबरों का खंडन किया है. महाराष्ट्र के किसान दत्ताराय पी दारोकर बताते हैं कि उन्होंने अपनी चार हेक्टेयर जमीन में सोयाबीन और मकई की खेती की है. अब उन्हें खाद की चिंता हो रही है क्योंकि उनके गांव के दुकानदार खाद की कमी की बात कर रहे हैं. दुकानदार किसानों से कह रहे हैं कि अगले 15 दिनों में युरिया (Urea) और सल्फेट की कमी हो जाएगी और कीमतें बढ़ेंगी.

यह एक ऐसा समय होता है जब किसानों को सबसे यूरिया और सल्फेट की ससबे अधिक जरूरत होती है. डाउन टू अर्थ के मुताबिक किसानों का कहना है कि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वो अधिक खाद खरीद कर स्टॉक कर सके. किसान अपनी प्याज को बेचकर पैसे मिलने का इंतजार कर रहे हैं. गौरतलब है कि कई कारकों के चलते में देश में खादकी कीमतों में 2022 की शुरुआत से ही 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जबकि उससे पहले 80 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी. कृषि लागत में बढ़ोतरी भी बढ़ती कीमतों का कारण है.

दूसरे राज्यों में जाकर खाद की खरीदारी कर रहे किसान

2018 यूरिया के 50 किलोग्राम यूरिया के प्रति बैग की अधिकतम खुदरा कीमत 268 रुपए थी. जबकि महाराष्ट्र के किसान बताते हैं कि दुकानदारों ने उन्हें बताया की इस बार यूरिया की कीमत 400 रुपए प्रति बैग तक जाएगी. आदिलाबाद जिले में करीब 500 किलोमीटर दूर कपास किसानों को डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) के साथ-साथ नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम (एनपीके) उर्वरकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. इन उत्पादों की खरीद के लिए किसान महाराष्ट्र के आस-पास के जिलों में जा रहे हैं. फसल चक्र के दौरान कपास को तीन बार उर्वरक की आवश्यकता होती है.

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इतनी बढ़ी हैं खाद की कीमतें

सरकार द्वारा मई महीने में जारी की गयी मासिक बुलेटिन के मुताबिक वैश्विक बाजार में डीएपी की कीम वर्ष 2021 में 723 डॉलर प्रति टन थी. 2022 में यह 65.66 प्रतिशत बढ़कर मई 2022 में 936 डॉलर प्रति टन हो गयी. यूरिया की कीमतें मई, 2021 में 372 डॉलर प्रति टन से लगभग 94.09 प्रतिशत बढ़कर मई, 2022 में 722 डॉलर प्रति टन हो गई हैं. सल्फर की कीमतें मई, 2021 में 216 डॉलर प्रति टन से लगभग 138.8 प्रतिशत बढ़कर मई, 2022 में 516 डॉलर प्रति टन हो गई हैं. केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय का कहना है कि उर्वरकों की कोई कमी नहीं है, लेकिन देश के विभिन्न हिस्सों में कमी की सूचना है.

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