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ट्रेन में मुसाफिर ने एक चाय कप के लिए दिए 70 रुपये, बिल की फोटो हुई वायरल

भारतीय रेलवे को परिवहन का एक सस्ता जरिया माना जाता है. (Representational Image)

भारतीय रेलवे को परिवहन का एक सस्ता जरिया माना जाता है. लेकिन अब एक मामला सामने आया है, जिसमें एक मुसाफिर से 20 रुपये की चाय के कप के लिए 70 रुपये लिए गए हैं.

भारतीय रेलवे (Indian Railways) को परिवहन का एक सस्ता जरिया माना जाता है. लेकिन अब एक मामला सामने आया है, जिसमें एक मुसाफिर (Railway Passengers) से 20 रुपये की चाय के कप के लिए 70 रुपये लिए गए हैं. बालगोविंद वर्मा नाम के व्यक्ति ने ट्विटर (Twitter) पर बिल की फोटो को शेयर किया है. उन्होंने दिल्ली और भोपाल के बीच चलने वाली भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस (Shatabdi Express) पर सफर करते समय चाय ऑर्डर की थी. बिल में जिक्र है कि एक कप चाय की कीमत 20 रुपये थी. लेकिन वर्मा से इसके अलावा सर्विस फीस के तौर पर 50 रुपये लिए गए, जिससे सिर्फ एक चप काय की कीमत 70 रुपये पर पहुंच गई.

मुसाफिर ने ट्वीट किया बिल

बिल की फोटो शेयर करते हुए, उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि 20 रुपये की चाय के ऊपर 50 रुपये का टैक्स. मेरे देश का अर्थशास्त्र सच में बदल गया है. अब तक, केवल इतिहास बी बदला था.

ट्विटर के यूजर्स ने जल्द ही उन्हें बताया कि 50 रुपये कोई टैक्स नहीं है. बल्कि सर्विस चार्ज है. हालांकि, मुसाफिर को सर्विस चार्ज से हैरानी हो सकती है. लेकिन, भारतीय रेलवे द्वारा साल 2018 में जारी किए गए एक सर्रकुलर में कहा गया है कि अगर मुसाफिर एक्सप्रेस में रिजर्वेशन कराते समय खाने की बुकिंग नहीं करता है, तो उन्हें सफर के दौरान खाना बुक करते समय 50 रुपये के सर्विस चार्ज का भुगतान करना पडे़गा.

खाने की कीमत टिकट चार्ज में होती थी शामिल

इससे पहले, खाने की कीमत को शताब्दी और राजधानी जैसी ट्रेनों पर टिकट चार्ज में शामिल किया गया था. हालांकि, इसके बाद मुसाफिरों को अपने सफर के लिए अलग से खाना बुक करने का विकल्प दिया गया था.

सर्रकुलर में कहा गया है कि अगर जिस मुसाफिर ने टिकट को बुक करते समय कैटरिंग सर्विस का ऑप्शन नहीं चुना था और ट्रेन में सफर करते समय ही खाना खरीदना का फैसला किया, तो उसे 50 रुपये प्रति मील की अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा. ये खाने के लिए नोटिफाइड कैटरिंग चार्जेज के अतिरिक्त होगा और इसको IRCTC के ऑन बोर्ड सुपरवाइजर चार्ज करेंगे.

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इसके अलावा आपको बता दें कि पश्चिम रेलवे के 300 से अधिक ट्रेनों में अनारक्षित टिकट के साथ यात्रा की सुविधा 1 जुलाई, 2022 से बहाल की जा रही है. पश्चिम रेलवे 1 जुलाई से अपने यहां से शुरू होने वाली सभी ट्रेनों में द्वितीय श्रेणी डिब्बों को अनारक्षित रूप में बहाल करेगी.

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