
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट की सिलसिला थमा
विदेशी मुद्रा भंडार में ये बढ़त लगातार 3 हफ्ते की गिरावट के बाद देखने को मिली है. इन 3 हफ्तों में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 10 अरब डॉलर घट गया था.
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 24 जून को समाप्त सप्ताह में 2.734 अरब डॉलर बढ़कर 593.323 अरब डॉलर हो गया. रिजर्व में इस वृद्धि का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों यानि फॉरेन करंसी एसेट्स का बढ़ना है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार इससे पिछले सप्ताह, विदेशी मुद्रा भंडार 5.87 अरब डॉलर घटकर 590.588 अरब डॉलर हो गया था. चौबीस जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों का बढ़ना है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसके अलावा स्वर्ण आरक्षित भंडार के बढ़ने से भी विदेशीमुद्रा भंडार बढ़ा है. 24 जून से पहले लगातार तीन हफ्ते तक विदेशी मुद्रा भंडार (forex reserve) में गिरावट देखने को मिली थी और रिजर्व 600 अरब डॉलर के स्तर से नीचे आ गया.
क्यों आई रिजर्व में बढ़त
आंकड़ों के अनुसार सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 2.334 अरब डॉलर बढ़कर 529.216 अरब डॉलर हो गयी. जिससे कुल रिजर्व में बढ़त देखने को मिली. डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है. आंकड़ों के अनुसार, सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार का मूल्य भी 34.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 40.926 अरब डॉलर हो गया. समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 5.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.21 अरब डॉलर हो गया. वहीं आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 30 लाख डॉलर बढ़कर 4.97 अरब डॉलर हो गया.
3 हफ्ते की गिरावट के बाद बढ़ा रिजर्व
विदेशी मुद्रा भंडार में ये बढ़त लगातार 3 हफ्ते की गिरावट के बाद देखने को मिली है. इन 3 हफ्तों में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 10 अरब डॉलर घट गया था. रिजर्व बैंक के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 17 जून को समाप्त सप्ताह में 5.87 अरब डॉलर और 10 जून को खत्म हुए हफ्ते में रिजर्व 4.5 अरब डॉलर घटा था. रिजर्व बैंक के मई में आए आर्टिकल के मुताबिक करीब 600 अरब डॉलर का रिजर्व देश के 10 महीने के आयात बिल के बराबर है. रिजर्व में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. 20 मई को खत्म हुए हफ्ते से पहले लगातार 9 हफ्ते रिजर्व में गिरावट देखने को मिली थी. और ये 593 अरब डॉलर के स्तर के पास पहुंच गया था. 3 सितंबर 2021 को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 642.5 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था. देश के भंडार पर कमजोर रुपये और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों का दबाव बना हुआ है.