Wed. Mar 29th, 2023
भारत-यूरोपीय संघ के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर पहले दौर की बातचीत पूरी, सितंबर में होगी अगली वार्ता

भारत और यूरोपीय संघ ने प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के लिए पहले दौर की बातचीत शुक्रवार को पूरी की.

भारत और यूरोपीय संघ ने प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के लिए पहले दौर की बातचीत शुक्रवार को पूरी की और अगले दौर की वार्ता सितंबर में ब्रसेल्स में होगी. वाणिज्य मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी.

भारत और यूरोपीय संघ (European Union) ने प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (Free Trade Agreement) के लिए पहले दौर की बातचीत शुक्रवार को पूरी की और अगले दौर की वार्ता सितंबर में ब्रसेल्स में होगी. वाणिज्य मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी. इस समझौते (Deal) का मकसद दोनों पक्षों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करना है. भारत और यूरोपीय संघ ने व्यापार (Business), निवेश और भौगोलिक संकेतों (जीआई) के प्रस्तावित समझौतों पर आठ साल के बाद 17 जून को बातचीत फिर से शुरू की थी.

27 जून को शुरू हुई थी बातचीत

अधिकारी ने बताया कि पहले दौर की वार्ता 27 जून को शुरू हुई थी और 1 जुलाई को पूरी हुई. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत की तरफ से एफटीए वार्ता की अगुवाई वाणिज्य विभाग के संयुक्त सचिव निधि मणि त्रिपाठी ने की. यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व उसके मुख्य वार्ताकार क्रिस्टोफ कीनर ने किया.

आपको बता दें कि ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत के तहत वित्तीय सेवा क्षेत्र एक रोमांचक पहलू है. उन्होंने शुक्रवार को इंडिया ग्लोबल फोरम के ब्रिटेन-भारत पुरस्कार समारोह से पहले पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि वह फिनटेक जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के लिए बहुत बड़ा अवसर देखते हैं और भारतीय बीमा बाजार को खोलने का स्वागत करते हैं. मंत्री ने एफटीए का मसौदा दिवाली की समय सीमा तक तैयार होने पर भी भरोसा जताया है.

सुनक ने कहा कि अच्छी प्रगति हो रही है और मुझे लगता है कि मेरी भूमिका में मेरे लिए रोमांचक चीजों में से एक वित्तीय सेवाएं हैं. सुनक ने कहा कि वित्तीय सेवा एक ऐसा क्षेत्र है, जहां हमारे दोनों देशों के लिए बहुत बड़ा अवसर है. भारत का लक्ष्य पूरी अर्थव्यवस्था में बीमा का प्रसार करना है, क्योंकि बीमा व्यक्तियों और वृद्धि को सुरक्षा देने के लिए एक बड़ी चीज है. हम इसमें मदद कर सकते हैं, क्योंकि हमारे पास एक शानदार बीमा उद्योग है. हम धीरे-धीरे भारतीय नागरिकों और कंपनियों को इन उत्पादों, सेवाओं और विशेषज्ञता को देने में सक्षम हुए हैं.

उन्होंने एक सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड के लिए भारत की योजनाओं का भी उल्लेख किया और कहा कि ब्रिटेन इसके लिए पूंजी को जुटाने में भारत की मदद करना चाहेगा. ब्रिटेन में जन्मे भारतीय मूल के मंत्री ने कहा कि वह अपने परिवार के साथ जल्द ही भारत की यात्रा करेंगे.

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(भाषा इनपुट के साथ)

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