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बीजेपी (BJP) ने राज्य की 80 लोकसभा सीटों पर चिन्हित कमजोर बूथों पर सर्वे शुरू कर दिया है और इसके जरिए 40 प्रश्नों की सूची तैयार की गई है. इस सर्वे में उस बूथ को लेकर सभी तरह की जानकारी जुटाई जा रही है.
उत्तर प्रदेश में रामपुर और आजमगढ़ (Azamgarh) लोकसभा उपचुनाव में दोनों सीट जीतने के बाद भारतीय जनता पार्टी के हौसले बुलंद हैं और अब उसने मिशन-2024 की तैयारी शुरू कर दी है. देश में लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections-2024) में होने हैं लेकिन बीजेपी (BJP) अभी से तैयारी में जुटी हुई है. बीजेपी ने 2019 की तुलना में अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है और उसका दावा है कि वह 80 में से 80 सीटों पर जीत दर्ज करेगी. राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों के तहत करीब 30 हजार बूथों को मजबूत करने के लिए 6 हजार लोगों की फौज उतारी गई है. असल में इन बूथों पर बीजेपी को कम वोट मिले थे. जिसके बाद बीजेपी ने कमजोर बूथों पर फोकस किया है.
जानकारी के मुताबिक राज्य में 1 लाख 74 हजार पोलिंग बूथ हैं और साल 2019 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इनमें से करीब 1 लाख 23 हजार बूथों पर जीत हासिल की थी और तब इसे 51 फीसदी वोट मिले थे. खास बात ये है कि इस चुनाव में राज्य में सपा और बसपा का गठबंधन हुआ था. लेकिन ये गठबंधन कोई खास करिश्मा नहीं दिखा सका. लोकसभा चुनाव में सपा को पांच और बसपा को दस सीटें मिली थी. जबकि राष्ट्रीय लोकदल भी उनके साथ था. वहीं भाजपा 2014 से लगातार राज्य में अपने प्रदर्शन में सुधार कर रही है और पार्टी का अब फोकस 2024 पर है और पार्टी ने अभी से इसकी तैयारी शुरू कर दी हैं.
करीब 35 हजार बूथों पर है नजर
राज्य में एक लाख पोलिंग बूथों पर बीजेपी का दबदबा रहा है और वह पिछले कई चुनावों से इन बूथों पर जीत हासिल कर रही है. ऐसे में पार्टी का फोकस अब उन 30-35 हजार पोलिंग बूथों पर है जहां बीजेपी कमजोर है और यहां पर पार्टी के प्रत्याशी कभी-कभी जीतते जीते हार जाते हैं. पार्टी ने अपनी रणनीति के तहत हर क्षेत्र में 200 से 250 बूथों की पहचान की गई है और इसके लिए सांसद और विधायकों सहित हर सीट पर करीब 80 लोगों की टीम लगाई गई है, जबकि करीब 35 हजार बूथ ऐसे हैं जो किसी खास जाति या पार्टी से प्रभावित हैं.
सियासी समीकरणों को साधने पर जोर
फिलहाल बीजेपी ने राज्य की 80 लोकसभा सीटों पर चिन्हित कमजोर बूथों पर सर्वे शुरू कर दिया है और इसके जरिए 40 प्रश्नों की सूची तैयार की गई है. इस सर्वे में उस बूथ को लेकर सभी तरह की जानकारी जुटाई जा रही है. मसलन सामाजिक समीकरण, प्रभावशाली चेहरे, क्षेत्रीय समीकरण, क्या कोई नाराजगी है या फिर पार्टी को लेकर जनता की राय. इस तरह की जानकारी के जरिए बीजेपी इन बूथों के लिए नई रणनीति तैयार करेगी और स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं और नेताओं को एक्टिव करेगी.