Tue. May 30th, 2023
सावधान : धड़ल्ले से बिक रहा मिलावटी खून..कहीं आप तो इस मौत के सौदागर गैंग के शिकार नहीं बन चुके...

यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने मिलावटी और नकली खून बनाने-बेचने वाले गिरोह का भांडाफोड़ किया है.

Image Credit source: TV9

गिरोह के सात सदस्यों को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार तस्करों में तीन ब्लड बैंक के तकनीशियन/कर्मचारी और दो ब्लड बैंक व अस्पताल मालिक भी शामिल हैं. इनके कब्जे से करीब 302 यूनिट मिलावटी खून भी जब्त किया गया है.

यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने मिलावटी और नकली खून बनाने-बेचने वाले गिरोह का भांडाफोड़ किया है. यह गिरोह राजस्थान के विभिन्न इलाकों से मिलावटी खून लाकर, यूपी के कई जिलों में तस्करी कर रहा था. गिरोह के सात सदस्यों को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार तस्करों में तीन ब्लड बैंक के तकनीशियन/कर्मचारी और दो ब्लड बैंक व अस्पताल मालिक भी शामिल हैं. इनके कब्जे से करीब 302 यूनिट मिलावटी खून भी जब्त किया गया है. इस गैंग के भांडाफोड़ के बाद यूपी पुलिस के रडार पर अपने राज्य और राजस्थान के कई ब्लड बैंक भी आ गए हैं. जिनके ऊपर नजर रखी जा रही है.

गुरुवार को यह तमाम जानकारियां यूपी एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश ने दी. उनके मुताबिक गिरफ्तार रक्त तस्करों का नाम असद, नौशाद अहमद, रोहित, करन मिश्र, मो. अम्मार, संदीप और अजीत दुबे है. गिरफ्तार रोहित मिडलाइफ ब्लड बैंक का कर्मचारी है. जबकि करन इसी लैब और अस्पताल का तस्कर है. यूपी पुलिस एसटीएफ चीफ के मुताबिक पुलिस टीमों ने मिडलाइफ ब्लड बैंक एवं अस्पताल के मालिक मो. अम्मार को भी गिरफ्तार कर लिया है. जबकि गिरफ्तार दलाल संदीप कुमार नारायणी ब्लड बैंक का तकनीशियन और अजीत दुबे इसी नारायणी ब्लड बैंक का मालिक है.

इनके कब्जे से 302 यूनिट रेड ब्लड बैग, नारायणी चैरेटिबिल ब्लड बैंक, बाराबिरवा, लखनऊ के 21 जाली कागजात, 7 मोबाइल फोन, 3 एटीएम कार्ड, 3 पैन कार्ड व 4 आधार कार्ड भी जब्त किए गए हैं. इसके अलावा गैंग के सदस्यों के कब्जे से 3 क्रेडिट कार्ड, लखनऊ नंबर की एक स्विफ्ट डिजायर कार, एक होण्डा डब्ल्यूआरवी कार और 19 हजार 435 रुपए भी मिले हैं. मिलावटी इंसानी रक्त के इन सौदागरों की गिरफ्तारी हवलदार कवींद्र साहनी द्वारा जुटाई गई जानकारी के आधार पर हो सकी. इस गैंग के भांडाफोड़ के लिए लखनऊ ड्रग विभआग के सहायक (आयुक्त) मनोज कुमार, इंस्पेक्टर माधुरी सिंह के साथ, एसटीएफ के डिप्टी एसपी प्रमेश कुमार शुक्ल के निर्देशन में सब इंस्पेक्टर संतोष कुमार सिंह, चंद्र प्रकाश मिश्र, मो. जावेद आलम, बरनाम सिंह (सभी हवलदार), सिपाही मुनेंद्र सिंह, मुख्य आरक्षी कमाण्डे रमाशंकर यादव की एक टीम गठित की गई थी.

ये भी पढ़ें



यूपी पुलिस एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश के मुताबिक, जब्त रक्त के पैकेट्स के ऊपर कहीं भी एक्सपायरी डेट अंकित नहीं मिली है. न ही रक्त के इन पैकेट्स के ऊपर कहीं भी ब्लड बैंक का नाम ही अंकित है. राजस्थान के विभिन्न इलाकों से लाया गया यह जानलेवा खुून, यूपी के लखनऊ, हरदोई, उन्नाव, बहराइच आदि जनपदों में मौजूद प्राइवेट ब्लड बैंक के जरिए जरूरतमंद खरीददारों तक पहुंचाया जा रहा था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *