Wed. Mar 29th, 2023
DU UG Syllabus 2022: बदल रहा है दिल्ली यूनिवर्सिटी का सिलेबस, FYUP के 19 कोर्सेज के लिए नए पाठ्यक्रम को मिली हरी झंडी

दिल्ली यूनिवर्सिटी

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Delhi University FYUP Draft Syllabus: दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) ने अकेडमिक सेशन 2022-23 के लिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) और ‘फॉर-ईयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम’ (FYUP) को लागू करने की मंजूरी दे दी है.

Delhi University FYUP Syllabus: दिल्ली यूनिवर्सिटी की अकेडमिक मैटर्स की स्थायी समिति ने बुधवार को 19 चार सालों के अंडरग्रेजुएट कोर्सेज के पहले सेमेस्टर के लिए सिलेबस का ड्राफ्ट पारित किया. हालांकि, समिति के चार सदस्यों ने प्रस्ताव के खिलाफ असहमति जताई. दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) ने अकेडमिक सेशन 2022-23 के लिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) और ‘फॉर-ईयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम’ (FYUP) को लागू करने की मंजूरी दे दी है. फरवरी में यूनिवर्सिटी की कार्यकारी परिषद (EC) ने अकेडमिक सेशन 2022-23 के लिए NEP के अनुसार तैयार किए गए अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क (UGCF) के मसौदे को पारित किया.

डीयू कालेजों के डीन बलराम पाणि ने इस बात की पुष्टि की, ’19 डिपार्टमेंट्स द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट सिलेबस को दिल्ली यूनिवर्सिटी की स्थायी समिति द्वारा पारित कर दिया गया है.’ उन्होंने कहा कि अन्य कोर्सेज के सिलेबस को भी आने वाले दिनों में पास कर दिया जाएगा. पाणि ने कहा, ‘हमारी योजना अगले तीन से चार दिनों में सभी कोर्सेज के सिलेबस को स्थायी समिति के जरिए से पास करने का है. हम अगले 15 दिनों में FYUP फर्स्ट सेमेस्टर के सिलेबस को अंतिम रूप देंगे.’

असहमति जताने वाले सदस्यों ने क्या कहा?

सिलेबस को स्थायी समिति से मंजूर किए जाने के बाद अकेडमिक काउंसिल (AC) और कार्यकारी परिषद (EC) में प्रस्तुत किया जाएगा. समिति के चार सदस्यों राजेश कुमार, विश्वजीत मोहंती, कुमार शांतनु और निधि कपूर ने प्रस्ताव का विरोध किया है. दरअसल, असहमति जताने वाले सदस्यों का कहना है कि 19 कोर्सेज के सिलेबस के ऑब्जर्वेशन के लिए बहुत ही कम समय मुहैया कराया गया. इस वजह से इसमें प्रक्रियागत गलतियां हो सकती हैं. सदस्यों ने कहा कि केवल पहले सेमेस्टर के सिलेबस के कंटेट पर विचार करना एक निरर्थक कार्य होगा.

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सदस्यों ने कहा, ‘जब तक हम सभी चार सालों के पेपर्स की जांच नहीं कर लेते हैं, तब तक बाद के सेमेस्टर में पेपरों की डिसजंक्शन, ओवरलैपिंग, कंटिन्युटी और डिस्कंटिन्युटी पर कमेंट करना असंभव होगा.’ उन्होंने कहा, ‘प्रतिनिधियों के बीच सिलेबस के कंटेंट के कमजोर होने की आशंका भी महसूस की गई. लेकिन अधिकारियों द्वारा संतोषजनक रूप से इसे संबोधित नहीं किया गया.’

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