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Jagannath Rath Yatra: ठीक हो गए हैं भगवान जगन्नाथ, आइसोलेशन से आए बाहर अब कल निकाली जाएगी वृंदावन में भव्य रथ यात्रा

वृंदावन में जगन्नाथ रथ यात्रा 1 जुलाई यानि कल निकाली जाएगी.

Image Credit source: टीवी9

मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ (Bhagwan Jagannath Rath Yatra) अधिक स्नान करने के बाद अस्वस्थ्य जाते हैं और 16 दिन तक भक्तों को दर्शन नहीं देते. भगवान बीमार होते हैं तो उनके उपचार के लिए उन्हें कई तरह की जड़ी बूटी और धार्मिक कथा का आयोजन भी किया जाता है.

ब्रज में सारे महोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाए जाते हैं. भगवान श्री कृष्ण के उत्सव में अलग ही हर्षोल्लास देखने को मिलता है. ब्रज में जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव की धूम भी अलग ही है. हजारों की संख्या में श्रद्धालु जगन्नाथ रथयात्रा में शामिल होते हैं. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वृंदावन में जगन्नाथ रथ यात्रा 1 जुलाई यानि कल निकाली जाएगी. जिसमें भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ रथ में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे और वृंदावन नगर में भ्रमण करेंगे. वृंदावन के परिक्रमा मार्ग स्थित जगन्नाथ घाट मंदिर में प्राचीन परंपरा के तहत जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) हर साल निकाली जाती है.

इस दौरान पूरे विधि विधान से भगवान जगन्नाथ का उत्सव मनाया जाता है. 14 जून को पुरी के जगन्नाथ मंदिर में विधि विधान के साथ स्नान यात्रा का आयोजन किया गया था, जिसमें भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र को जल स्नान यात्रा कराई गई. सभी को 108 कलश से स्नान कराया गया. तरह-तरह की जड़ी बूटियों और फलों के रस से स्नान कराया गया था. मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ अधिक स्नान करने के बाद अस्वस्थ्य जाते हैं और 16 दिन तक भक्तों को दर्शन नहीं देते.

स्नान के 16 दिन बाद स्वस्थ होते हैं भगवान

भगवान बीमार होते हैं तो उनके उपचार के लिए उन्हें कई तरह की जड़ी बूटी और धार्मिक कथा का आयोजन भी किया जाता है. जिससे भगवान जल्द ठीक हो जाएं. 16 दिन के बाद जब भगवान स्वस्थ होते हैं तो नगर यात्रा करने से 1 दिन पूर्व संध्या को भक्तों को दर्शन देते हैं. आज 30 जून को भगवान जगन्नाथ के दर्शन भक्तों को मिलेंगे और कल 1 जुलाई को भगवान जगन्नाथ की तीर्थ नगरी बृंदावन में रथयात्रा निकाली जाएगी.

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कल भक्तों को दर्शन देंगे भगवान जगन्नाथ

रथ यात्रा से पहले भगवान को छप्पन भोग लगाया जाएगा. 56 भोग के बाद भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ रथ में विराजमान होकर नगर भ्रमण के निकलेंगे और भक्तों को दर्शन देंगे. मंदिर की 500 साल पुरानी परंपरा के अनुसार भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र अपने-अपने रथ पर विराजमान होकर नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं. रथयात्रा के दिन तीन रत्न निकाले जाते हैं, जिसमें भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र अलग-अलग रथों पर विराजमान होते हैं. शाम के समय रथ यात्रा का आयोजन बड़े ही धूमधाम के साथ और बैंड बाजे के साथ किया जाता है.

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