Tue. May 30th, 2023
Kerala: फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मदरसा शिक्षक को सुनाई 67 साल जेल की सज़ा, 12 साल के बच्चे के साथ यौन शोषण का पाया दोषी

सांकेतिक तस्वीर

बच्चे के परिवार को मामले की ख़बर चाइल्ड वेलफेयर में रिपोर्ट किए जाने के बाद मिली. पीड़ित बच्चे ने अपने बयान में यह भी दावा किया कि शिक्षक ने कुछ अन्य बच्चों का भी यौन शोषण किया था.

केरल की एक फास्ट ट्रैक अदालत (Fast Track Court) ने एक मदरसा शिक्षक को संयुक्त रूप से 67 साल की जेल की सज़ा सुनाई है. शिक्षक को अपने एक स्टूडेंट को अवैध रूप से बंदी बनाकर रखने और यौन शोषण करने के आरोपों में दोषी पाया गया जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. हालांकि शिक्षक 20 साल की ही सज़ा काटेगा और अन्य सज़ाएं साथ-साथ चलती रहेंगी. स्पेशल जज सतीश कुमार (Sathish Kumar) ने शिक्षक को मामले में दोषी पाया और सज़ा सुनाई. शिक्षक को तीव्र यौन शोषण के अलग-अलग मामलों 20-20 साल की जेल की सज़ा सुनाई गई है. 12 साल से कम उम्र के बच्चे के साथ यौन शोषण के मामले में पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत कड़ी सज़ा का प्रावधान है.

65,000 रुपए का जुर्माना

फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 12 साल से कम उम्र के बच्चे का यौन शोषण करने के दोषी शिक्षक को पॉक्सो एक्ट के तहत पांच साल की सज़ा सुनाई है. अवैध रूप से बंदी बनाने के दोष में एक साल और जुविनाइल जस्टिस एक्ट के तहत बच्चे के साथ बर्बरता करने पर एक साल की सज़ा सुनाई गई है. इनके अलावा कोर्ट ने शिक्षक पर 65,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने कहा कि सज़ाएं साथ-साथ चलती रहेंगी लेकिन शिक्षक अधिकतम 20 साल जेल की सज़ा काटेगा. फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शिक्षक को अप्राकृतिक अपराध करने के आरोप में आईपीसी की धारा 377 के तहत दोषी पाया लेकिन इसके लिए जनरल क्लॉज़ एक्ट की धारा 26 की वजह से अलग से सज़ा नहीं सुनाई – जिसमें एक ही अपराध के लिए दो बार सज़ा नहीं देने का प्रावधान है.

पीड़ित को मुआवज़ा देने का आदेश

यही वजह रही कि पॉक्सो एक्ट और आईपीसी के तहत यौन शोषण को दोहराने और आपराधिक धमकी के मामले में कोर्ट ने शिक्षक को बरी कर दिया. कोर्ट ने एर्नाकुलम डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी को केरल स्टेट विक्टिम कंपनसेशन स्कीम के तहत पीड़ित को मुआवज़ा देने का आदेश भी दिया है. स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर ए. सिंधू ने बताया कि यह अपराध जनवरी 2020 का है जब 11 वर्षीय बच्चे ने स्कूल में अपने दोस्तों के साथ अपने 50 वर्षीय शिक्षक द्वारा दी गई यातनाओं के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि तब बच्चे के दोस्तों ने अपने क्लास टीचर से साझा किया और टीचर ने प्रिंसिपल से और फिर मामला पुलिस सहित चाइल्ड वेलफेयर कमेटी में पहुंच गया.

मदरसा शिक्षक बच्चे को दिया करता था धमकी

बच्चे द्वारा दिए गए बयान के मुताबिक़ मदरसा के शिक्षक – जहां वो सुबह की पढ़ाई के लिए जाया करता था ने उसका कुछ दिनों तक यौन शोषण किया. शिक्षक बच्चे को शाम को बुलाता था और उसके साथ गंदे काम करने के लिए उसपर दबाव डालता था. बच्चा यह सब कुछ किसी से साझा न करे – इसके लिए शिक्ष बच्चे को मिठाई दिया करता था और किसी के साथ साझा करने पर उसको टेस्ट में फेल करने की धमकी दिया करता था.

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बच्चे के बयान के मुताबिक़ सरकारी वकील ने बताया कि शिक्षक ने बच्चे को गंदी वीडियो देखने के लिए मोबाइल फोन भी दिया और बच्चे के पिता को पता चलने पर उसके पिता ने यह जाने बग़ैर कि आख़िर में चल क्या रहा था, मोबाइल फोन तोड़ दिया. बच्चे के परिवार को मामले की ख़बर चाइल्ड वेलफेयर में रिपोर्ट किए जाने के बाद मिली. पीड़ित बच्चे ने अपने बयान में यह भी दावा किया कि शिक्षक ने कुछ अन्य बच्चों का भी यौन शोषण किया था.

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