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शिंटे गुट के प्रवक्ता ने इस कार्रवाई को लेकर कहा कि एकनाथ शिंदे इस वक्त महाराष्ट्र के नेता बन गए हैं. उन पर की गई इस कार्रवाई से कोई फर्क नहीं पड़ता.
मुख्यमंत्री बनते ही एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) पर बड़ी कार्रवाई करते हुए शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उन्हें पार्टी के नेता पद से हटा दिया है. पार्टी विरोधी कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने यह कार्रवाई की है. शिंदे पर पार्टी के खिलाफ बगावत करने का इल्जाम लगाया गया है. कार्रवाई से संबंधित पत्र एकनाथ शिंदे को भेज दिया गया है. शुक्रवार को दोपहर में शिवसेना भवन में उद्धव ठाकरे ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि शिवसेना को बाहर रख कर तथाकथित शिवसेना (Shiv Sena) का सीएम नहीं बनाया जा सकता और भी शाम को उद्धव ठाकरे ने यह फैसला ले लिया.
शिंटे गुट के प्रवक्ता ने इस कार्रवाई को लेकर कहा कि एकनाथ शिंदे इस वक्त महाराष्ट्र के नेता बन गए हैं. उन पर की गई इस कार्रवाई से कोई फर्क नहीं पड़ता. दीपक केसरकर ने इससे ज्यादा उद्धव ठाकरे के इस फैसले के खिलाफ कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए. उनका कहना है कि वे उद्धव ठाकरे का आदर करते हैं, इसलिए उनके खिलाफ कोई बयान नहीं देंगे.
इस बीच एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री बनने के बाद पहला इंटरव्यू हमारे सहयोगी न्यूज चैनल TV9 मराठी को देते हुए कहा कि सत्ता के लिए वे मुख्यमंत्री नहीं बने हैं. उनके समर्थक 50 लोगों के अस्तित्व की लड़ाई थी. उन्होंने कहा, ‘ मेरे लिए भी यह बाद अनपेक्षित थी कि सिर्फ 50 विधायकों का समर्थन होते हुए भी बीजेपी ने बालासाहेब के एक आम शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया. खास कर देवेंद्र फडणवीस ने बहुत बड़ा दिल दिखाया.’
(खबर अपडेट हो रही है)