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जय राउत ने कहा कि जब से उद्धव ठाकरे की सरकार बनी थी, तब से ही उस सरकार को गिराने की कोशिशें शुरू कर दी गई थीं. लेकिन हम ऐसा नहीं करेंगे.
मुंबई के पत्राचाल घोटाला मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) को प्रवर्तन निदेशालय ने समन्स भेजा है और पूछताछ के लिए बुलाया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) पूछताछ के लिए आज (1 जुलाई, शुक्रवार) संजय राउत हाजिर होंगे. यह जानकारी उन्होंने आज सुबह खुद पत्रकारों को दी. उन्होंंने कहा, ‘ केंद्रीय जांच एजेंसी ने मुझे आज पूछताछ के लिए बुलाया है. मैं एक जिम्मेदार नागरिक हूं. लॉ मेकर हूं. सांसद हूं. मैं जरूर जाऊंगा. पूछताछ और जांच में सहयोग करूंगा. हालांकि यह सबको पता है कि ये एक राजनीति (Maharashtra Politics) का हिस्सा है.आपातकाल में अटल बिहारी वाजपेयी, आडवाणी, विजया राजे सिंधिया, जॉर्ज फर्णांडीस के साथ यही हुआ था वे सत्ता में वापस आए थे.’ संजय राउत ने साथ ही एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस को अपनी शुभकामनाएं दी.
संजय राउत ने कहा कि जब से उद्धव ठाकरे की सरकार बनी थी, तब से ही उस सरकार को गिराने की कोशिशें शुरू कर दी गई थीं. लेकिन हम ऐसा नहीं करेंगे. वे अब जनता की समस्याएं, किसानों की समस्याएं सुलझाने की ओर कदम बढाएं. हमारा सहयोग रहेगा.
‘फडणवीस खुश नहीं, यह खुद नहीं कहा, हमारा कहना उचित नहीं होगा’
संजय राउत ने कहा, ‘शिंदे और देवेंद्र फडणवीस दोनों एक दूसरे के राइट हैंड हैं. फडणवीस को सत्ता का ज्यादा अनुभव है. फडणवीस खुश नहीं हैं, इस बारे में जब तक वे खुद नहीं बोलते, तब तक हम इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे. राजनीति में अवसरों को देख कर राजनीति की जाती है. शिवसेना को तोड़ने का उनका प्लान था. वो सफल हो गया. अब उन्होंने एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया. नारायण राणे भी बीजेपी में गए थे, उन्हें क्यों नहीं बनाया? जहां छत्रपति शिवाजी महाराज वहां मराठे माउली उसी तरह जहां ठाकरे वहीं शिवसेना.
‘ढाई साल पहले दिलेरी दिखाई होती तो आज फडणवीस होते मुख्यमंत्री’
संजय राउत से जब पत्रकारों ने पूछा कि उद्धव ठाकरे ने सीएम पद से इस्तीफा दिया, एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने. इसे क्या समझा जाए? शिवसेना सरकार आई कि गई? इसके जवाब में संजय राउत ने कहा, ‘दिमाग लगाने वाले सवाल ना करें. हम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना का विस्तार करेंगे. शिवसेना के टूटे हुए धड़े और बीजेपी की सरकार बनी है. शिंदे उसके सीएम बनाए गए हैं. शिवसेना को तोड़ने के प्लान का यह एक हिस्सा था, वो सफल हुआ. ढाई साल पहले दिलेरी दिखाई होती तो आज फडणवीस सीएम होते. जो भी रणनीति हो. एक नई सरकार महाराष्ट्र में आई है. हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं. जब तक वे खुद को शिवसेना के ही मानेंगे, तब तक उनको पद पर रखा जाएगा.’