Wed. Mar 29th, 2023
RBI Financial Stability Report: क्रिप्टोकरंसी एक बड़ा खतरा, साइबर रिस्क पर खास ध्यान देने की जरूरत

क्रिप्टोकरंसी एक बड़ा खतरा

रिजर्व बैंक के मुताबिक स्ट्रेस टेस्ट में साबित हुआ है कि सबसे बुरी स्थिति में भी बैंक मजबूत बने रहेंगे और जरूरी कैपिटल की न्यूनतम सीमा से ऊपर ही बने रहेंगे

क्रिप्टोकरंसी को लेकर रिजर्व बैंक ने सख्त रूख अपनाया हुआ है. जून 2022 के लिए फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट में रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा है कि फाइनेशियल सिस्टम को लेकर कई सारे जोखिम सामने उभर रहे हैं और क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrencies) एक वास्तविक खतरा है. रिजर्व बैंक ने कहा कि भले ही भारतीय फाइनेंशियल सिस्टम मजबूत बने हुए हैं और फिलहाल दुनिया भर में जारी दबाव के बीच भी वो स्थिर बने हुए हैं लेकिन नई तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ने और बैंकों में इंटरनेट आधारित कामकाज का हिस्सा बढ़ने के साथ साइबर रिस्क पर ध्यान देने की जरूरत है और ऐसे सभी प्रोडक्ट को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है जो कि साइबर रिस्क बढ़ा सकते हैं.

क्या कहा क्रिप्टो को लेकर रिजर्व बैंक ने

रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में गवर्नर शक्तिकांत दास ने लिखा कि घरेलू बैंको के द्वारा मजबूती दर्शाए जाने के बाद भी हमे सामने दिख रहे कुछ उभरती हुए खतरों पर विचार करना होगा. क्रिप्टोकरंसी एक वास्तविक खतरा है. उनके मुताबिक ऐसा कुछ भी जिसकी कीमत सोच पर आधारित हो और जिसके लिए कोई आधार न हो सिर्फ सट्टेबाजी है जिसे एक खास नाम दिया गया हो. रिपोर्ट में कहा गया है कि तकनीक ने फाइनेंशियल सेक्टर की पहुंच को काफी बढ़ाया है. ऐसे में इसे पूरे फायदे उठाने चाहिए. हालांकि फाइनेंशियल स्टेबिलिटी को नुकसान पहुंचाने की इसकी क्षमता को पहचानने और उसके खिलाफ सुरक्षा के उपाय किये जाने भी जरूरी हैं. क्योंकि फाइनेंशिय सिस्टम का लागातार डिजिटली करण जारी है, साइबर से जुड़े जोखिम बढ़ रहे हैं और इसपर खास ध्यान देने की जरूरत है.

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दबाव के बावजूद घरेलू फाइनेंशियल सिस्टम मजबूत

रिजर्व बैंक की स्टेबिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक भले ही घरेलू फाइनेंशियल सिस्टम पर महंगाई और रूस यूक्रेन संकट का असर पड़ा हो लेकिन सिस्टम मजबूती से खड़ा है और धीरे धीरे महामारी के असर से निकल भी रहा है. रिजर्व बैंक के मुताबिक स्ट्रेस टेस्ट में साबित हुआ है कि सबसे बुरी स्थिति में भी बैंक मजबूत बने रहेंगे और जरूरी कैपिटल की न्यूनतम सीमा से ऊपर ही बने रहेंगे. वहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बात के पूरे संकेत हैं कि भारतीय फाइनेंशियल सिस्टम दुनिया भर से मिल रहे झटकों का सामना करने में सफल रहेगी.

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